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वर्णय
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ಚಿತ್ರ ಬಿಡಿಸು. ಚಿತ್ರಿಸು ಚಿತ್ರ ಬರೆ
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وۄتلاوُن
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অংকন কৰা
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एरखां
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रेखाटणे
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ଚିତ୍ରିତ କରିବା
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আঁকা
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खिच्नु
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വരയ്ക്കുക
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గీయు
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describe
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வரை
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खींचना
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report
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ਖਿੱਚਣਾ
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કરવું
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account
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करप
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निर्वर्णय
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उपवर्णय
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रक्तः
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एकनाथी भागवत - श्लोक ७ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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अध्याय ८६ - विद्याविशोधनविधानम्
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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तृतीयः स्कन्धः - अध्यायः १०
भागवत पुराणात पुढे येणार्या कलियुगात काय घडणार आहे, याबद्दलचे सविस्तर वर्णन केले आहे.
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कृष्णः
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तृतीयः स्कन्धः - अथ दशमोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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स्वकीय मनास उपदेश
अण्णा जसे शास्त्रविद्येंत निपुण होते, तसेंच श्रौतस्मार्तज्ञकर्मविधींतही अपूर्व निष्णात होते.
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अश्वमेधखण्डः - अध्यायः २३
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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मुमुक्षुवैराग्यप्रकरणम् - सर्ग आठवा
‘ योगवासिष्ठ ’ एक प्राचीन ग्रंथ. Yoga Vasistha is famous as one of the historically popular and influential texts of Hinduism.
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तृतीयः स्कन्धः - अध्यायः ७
भागवत पुराणात पुढे येणार्या कलियुगात काय घडणार आहे, याबद्दलचे सविस्तर वर्णन केले आहे.
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उच्चावचप्रवाहवीचयः - सुभाषित २३४१ - २३६०
सुभाषित म्हणजे आदर्श वचन. सुभाषित गद्य किंवा पद्यात असतात. Subhashita means good speech.
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वैराग्यप्रकरणम् - सर्गः ८
योगवासिष्ठः
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तृतीयः स्कन्धः - अथ सप्तमोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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द्वितीय स्कन्धः - अध्यायः ६
भागवत पुराणात पुढे येणार्या कलियुगात काय घडणार आहे, याबद्दलचे सविस्तर वर्णन केले आहे.
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दक्षिण प्रयाग माहात्म्यः - तृतीयोऽध्यायः
श्रीनृसिंहपूर क्षेत्राचे माहात्म्य वाचल्याने प्रत्यक्ष त्या क्षेत्री गेल्याचे पुण्य मिळते.
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तृतीयः स्कन्धः - अथ पंचमोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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उमासंहिता - अध्यायः ५०
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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तृतीयः स्कन्धः - अध्यायः ५
भागवत पुराणात पुढे येणार्या कलियुगात काय घडणार आहे, याबद्दलचे सविस्तर वर्णन केले आहे.
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द्वितीयः स्कन्धः - अथ सप्तमोऽध्यायः
’ श्रीमद्भागवतमहापुराणम्’ ग्रंथात ज्ञान, वैराग्य व भक्ति यांनी युक्त निवृत्तीमार्ग प्रतिपादन केलेला आहे, अशा या श्रीमद्भागवताचे भक्तिने श्रवण, पठन आणि निदिध्यासन करणारा मनुष्य खात्रीने वैकुंठलोकाला प्राप्त होतो.
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अश्वमेधखण्डः - अध्यायः ६२
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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पूर्वार्धम् - अध्यायः ४
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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शिवभारत - अध्याय पहिला
श्रीछत्रपती शिवाजी महाराज यांच्या आज्ञेवरून लिहिलेलें कवीन्द्र परमानन्दकृत ' श्रीशिवभारत '
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः १२८
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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संस्था
Meanings: 80; in Dictionaries: 11
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सुभाषितरत्नकोशः - अर्थान्तरन्यासव्रज्या
विद्याकर (१०५०-११३०) एक बौद्ध विद्वान कवि होते. त्यांची कृति 'सुभाषितरत्नकोश' प्रसिद्ध आहे.
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आश्चर्यरासप्रबन्धः - भाग २
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच.
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पूर्वार्धम् - अध्यायः ५३
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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श्रीमच्छङ्करदिग्विजय: - नवम: सर्ग:
श्रीविद्यारण्यविरचित: श्रीमच्छडरदिग्विजय: ॥
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सामरहस्योपनिषत्
उपनिषद् हिन्दू धर्माचे महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ आहेत. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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